STRINGS in patna film festival
पटना, जागरण ब्यूरो : फिल्म फेस्टिवल में स्टि्रंग दिखाये जाने के पूर्व फिल्म के निर्देशक संजय झा दर्शकों से मुखातिब हुए और कहा मेरे लिए यह भावुक क्षण है क्योंकि अपनों के बीच अपना काम दिखाने खड़ा हूं।
संवाद कार्यक्रम के तहत स्टि्रंग पर हुई चर्चा के क्रम में संजय ने कहा कि यह फिल्म स्वतंत्र सिनेमा के तौर पर बनी है। हम जैसे लोग जो अपनी विद्या को अपने ढंग से जीते हैं उनके लिए यह फिल्म है। उन्होंने कहा कि वह अपनी अगली फिल्म का निर्माण इसी कड़ी में करेंगे। यह फिल्म न तो किसी कामर्शियल दबाव में बनी है और न ही अपना दर्शन लोगों पर थोपने की कोशिश की गयी है। श्री झा ने कहा कि उनकी यह कोशिश है कि इंडिपेंडेंट सिनेमा जिंदा रहे। उन्हांेंने कहा कि इलाहाबाद जैसे शहर में उनकी फिल्म में मंत्र कविता का इस्तेमाल किए जाने पर जनहित याचिका दायर की गयी है जबकि ट्रायल में एक साधु तक नहीं पहुंचे। संजय ने कहा कि फिल्म में धर्म कहीं नहीं है बल्कि उन्होंने आस्था को दिखाया है जो व्यक्तिगत होती है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का निर्माण मेरी लिए चुनौती से भरा था। मैंने इस क्रम में बहुत ही ईमानदार कोशिश की है। चर्चा में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक सुनील कुमार सिन्हा, एनएन पांडेय व विनोद अनुपम शामिल थे।